Hindi Kavita | हिन्दी कविताएँ (क्या माफ़ी होगी )
दोस्तो सुरलहरी ,इस स्कंध में मैने कुछ हिन्दी कविताएँ लिखकर असली जीवन को प्रकट करने कि कोशिश की है |Hindi Poetry किसे अच्छी नहीं लगती |आज कि Hindi Poem उन महान लोगों को स्मर्पित है जो ना खुश रहते हैं और ना दूसरों को रहने देते हैं |
"क्या माफ़ी होगी"
Photo by Marcus Aurelius from Pexels |
अच्छा किया जो तुम ने फिर से, माफी का नाम लिया,
भूली हुई यादों को. ,फिर दोबारा याद किया ||
पूरे जीवन में तुम ने ,कब किसी का साथ दिया ,
जिस बर्तन में खाया तुम ने ,बस उसी में छेद कियी ||
जब किसी के शव पे, तुम ने नंगा नाच किया,
प्रतिफल के लिए ,आधार तूने तैयार किया ||
घर वाला जब किसी का ,अम्बर पर जा चुका था ,
मरा तो वो था, पर तू भी अन्दर मर चुका था ||
हाथ बाप का जब किसी के, मस्तक पर ना रहा,
लोगों के संग,तू भी बैठा, लगा रहा था कहकहा ||
इतनी विपत्ति आने पर भी ,तेरी भूख नहीं मिटी,
जो किसी के काम आनी थी,वो रोटी भी रही पड़ी ||
याद रख, फल कर्म का ,यहीं पे झेलना होगा,
माफी माफी ना कर, क्या कर्म तेरा माफ होगा ||
मृत्यु शैया पर जब तू,अंतिम स्वासों पर होगा,
शीघ्र मृत्यु माँगेगा,पर वो भी माफी पर होगा |
अन्य
1. अंधकार
2. सोया शेर
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