Hindi Kavita | हिन्दी कविताएँ (वायरल कोरोना कविता)
दोस्तो सुरलहरी ,इस स्कंध में मैने कुछ हिन्दी कविताएँ लिखकर असली जीवन को प्रकट करने कि कोशिश की है |Hindi Poetry किसे अच्छी नहीं लगती |आज कि Hindi Poem उन महान लोगों को स्मर्पित है जो राम को फिल्मी बता रहे हैं |
कोरोना
🐾भूख बढ़ गई पैसे कि,रोग का हो रहा व्यापार ,
दया भावना रही नहीं,मानसिक्ता हुई पड़ी बिमार |
जीवन दाता माना तुझको ,तुझको माना है भगवान,
अंधा बहरा हुआ पड़ा है,है कैसा तू इंसान||🐾
Photo by Karolina Grabowska from Pexels |
🐛हवा बिक रही,पानी बिक रहा ,
नहीं है पैसा,तो मुर्दा भी बिक रहा |
छीन लिए मूर्दे के कंगन,छीन ली किसी की साँसें ,
तड़फ रहा है कोई,धूमिल पड़ी किसी कि बाँछें ||🐛
🦃भाई किसी का,बहन किसी की ,
बाप किसी का ,माँ किसी कि |
मान किसी का ,जान किसी कि,
दिन किसी का रात किसी कि |
हाथ जोड़े खड़ा बाप ,रो रही है माँ किसी कि ,
तेरा तो कोई नहीं,क्यों सुने फर्याद किसी कि ||🦃
💰गुर्दे बेचे तीन ,लीवर बेचा पाँच लाख,
लाखों में बेचा दिल,जाने कैसी तेरी साख|
कफन बेचा ,लकड़ी बेची,बेच दिया अंतिम संस्कार |
क्या सोच रहा है तू ,होगा इक दिन तू भी खाक ||💰
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