Hindi Kavita | हिन्दी कविताएँ (सोया शेर)
दोस्तो सुरलहरी ,इस स्कंध में मैने कुछ हिन्दी कविताएँ लिखकर असली जीवन को प्रकट करने कि कोशिश की है |Hindi Poetry किसे अच्छी नहीं लगती |आज कि Hindi Poem उन महान लोगों को स्मर्पित है जो राम को फिल्मी बता रहे हैं |
देश प्रेम है मुझ में,देश से है प्यार |
तिरछी नज़र देखा भी,दूँगा सिर उखाड़ ||
किस का फैसला है ,किस का है अधिकार,
आश्रय दिया जिसे ,कर रहा प्रहार |
सोया पड़ा शेर है,गीदड़ कर रहे वार,
झुँड बनाए बैठे हैं ,बने पड़े हैं काल ||
देश प्रेम है मुझ में,देश से है प्यार |
तिरछी नज़र देखा भी,दूँगा सिर उखाड़ ||
गुड्डे गुड्डियाँ सब तोड़ दिए ,
बर्बाद किया घर बार |
जिस घर में खेले थे ,
उजाड़ दिया संसार ||
देश प्रेम है मुझ में,देश से है प्यार |
तिरछी नज़र देखा भी,दूँगा सिर उखाड़ ||
एक शेर को फर्क नहीं ,जब पड़ता दूजे शेर का,
तब कुत्ते घेर लेते ,शेर का भी रास्ता |
बंद रखता जब आँखें,नहीं रखता जब वास्ता,
जिम्मेदार होता है वह ,हर तरह के नाश का ||
देश प्रेम है मुझ में,देश से है प्यार |
तिरछी नज़र देखा भी,दूँगा सिर उखाड़ ||
अकेला ही झंडा उठा ,दे धरती में गाड़,
पंजों को तेज़ कर,इक बार तो दे दहाड़ |
मृत्यू तो है ही ,फिर किस का है इंतज़ार,
शेर को जगा अब,शत्रू कि छाती फाड़ |
देश प्रेम है मुझ में,देश से है प्यार |
तिरछी नज़र देखा भी,दूँगा सिर उखाड़ ||
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